छात्रसंघ चुनावों में एबीवीपी की जीत, धामी का युवा नेतृत्व बना मुख्य आधार
उत्तराखंड छात्रसंघ चुनावों के नतीजों ने साफ कर दिया है कि प्रदेश का युवा वर्ग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नीतियों से गहराई से प्रभावित है। प्रदेशभर के अधिकांश कॉलेजों में एबीवीपी के विजयी रहने और कई जगह प्रत्याशियों का निर्विरोध चुन लिया जाना इसी भरोसे का प्रमाण है।

पिछले चार सालों में धामी सरकार ने युवाओं को केंद्र में रखकर कई निर्णायक कदम उठाए हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कड़ा कानून लागू करना, भर्ती घोटालों की जांच कर दोषियों को जेल भेजना और 25 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां उपलब्ध कराना, युवाओं में सरकार की साख को मजबूत करने वाले कदम रहे हैं। खेलों को बढ़ावा देने और रोजगार मेलों से हजारों युवाओं को अवसर दिलाने जैसे फैसलों ने भी छात्रों में सकारात्मक माहौल बनाया है।
चुनाव नतीजों के साथ ही सोशल मीडिया पर #UttarakhandYuvaWithDhami का ट्रेंड करना इस बात का संकेत है कि युवा वर्ग मुख्यमंत्री के निर्णयों को पूरी तरह स्वीकार कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि छात्रसंघ चुनावों की यह जीत केवल एबीवीपी की मजबूती नहीं, बल्कि धामी सरकार की नीतियों पर युवाओं का गहरा विश्वास है, जो भविष्य की राजनीति की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।